बिहार शिक्षा विभाग, शिक्षक, संघ-संगठन, नियोजित शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक, BPSC शिक्षक, टोला सेवक, रसोइया इत्यादि से जुड़ी खबर
बुधवार, 30 अगस्त 2023
छुट्टी में संशोधन के आदेश पर पुनर्विचार करे सरकार
सरकार द्वारा धोषित राजकीय अवकाश को रद्द करना तानाशाही निर्णय, पदाधिकारी इस आदेश को शीध्र वापस लें अन्यथा शिक्षक आंदोलन को विवश होंगे ---डॉ गणेश शंकर पाण्डेय
नियोजित शिक्षकों के ट्रान्सफर मुद्दे पर Court ने सरकार को फटकार लगाई |
अब 06 माह से पहले नहीं बन पाएंगे राज्यकर्मी
मंगलवार, 29 अगस्त 2023
छुट्टी रद्द होने से बिहार के शिक्षको में गुस्सा | विरोध के सुर तेज होने के आसार,,। अब शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे
Patna : बिहार सरकार के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा एक पत्र जारी किया गया है जिसमे विभिन्न पर्व त्योहार की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है और दुर्गा पूजा दीवाली और छठ की छुटियों में कटौती कर दिया गया है जिससे शिक्षक समाज मे रोष व्याप्त है।
शिक्षक नेता सह बिहार पंचायत नगर प्राथमिक शिक्षक संघ (मूल) के प्रदेश महासचिव जयंत कुमार सिंह ने कहा कि अत्यंत दुख के साथ अब महसूस ही नहीं हो रहा बल्कि यह एक्सेप्ट करना होगा कि हम लोग आजाद देश के गुलाम शिक्षक हो चुके है।
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शिक्षा विभाग ने छुट्टियों का बजाया बैंड | 14 छुट्टी रद्द करने से शिक्षक समाज मे आ*क्रोश
उन्होंने आगे कहा कि माननीय नीतीश कुमार जी को को शिक्षा में सुधार से मतलब नहीं है। जानबूझकर शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। शिक्षको और स्कूली बच्चों को साल में 60 दिन का अवकाश बिहार शिक्षा संहिता सेवा के आधार पर कानून के तहत मिलताआ रहा है। गौर करने की बात है आज जो बिहार सरकार के द्वारा संशोधित अवकाश पत्र निकाला गया है उसमें इस बात की चर्चा भी है कि शिक्षा अधिकार कानून के तहत साल में 200 से 220 दिन प्रारंभिक स्कूलों में अध्ययन अध्यापन के लिए खोलना है।
इस प्रकार साल में 365 दिनों में60 पर्व त्यौहार का छुट्टी और52 रविवार दोनों मिलकर 112 दिन छुट्टी होता है इस प्रकार365-112=253 दिन होता है 220 दिन के जगह 253 दिन हो जाता है तो फिर किस हिसाब से छुट्टी कटौती की गई है समझ से परे है? उन्होंने कहा- "सीधा-सीधा शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करने की गहरी साजिश है!"
उन्होंने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना से मैं काफी मर्माहत हूं और संगठन का नाम लिखने एवं अपने आप को नेता कहने का हिम्मत हमारे अंदर नहीं हो पा रहा है अपने आप को पंगु महसूस कर रहा हूं शायद इस घटना के बाद भी सभी शिक्षकों और शिक्षक नेताओं का जमीर जाग जाए!
आज जारी किये गए नए अवकाश तालिका के अनुसार सभी जिले का लगभग 12 से 15 दिन की छुट्टी कटौती का आदेश निर्गत करना सरकारी स्कूल के शिक्षको के साथ साथ शिक्षा अधिकार कानून के आलोक में शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ साथ स्कूली बच्चों का भी शोषण है।
उन्होंने आगे कहा- अफसरशाही की परकाष्ठा है। सरकार से लड़ने के लिए सभी संगठन कमर कस लें या अपने आप को संगठन का नेता कहना बन्द कर दें। जब हम सभी शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते तो हमें नेता कहाने और संगठन चलाने का अधिकार भी नहीं है।
बिहार के शिक्षकों पर चला के के पाठक का डंडा , 6000 शिक्षकों का कटा वेतन
सोमवार, 28 अगस्त 2023
नियोजित शिक्षकों के ट्रान्सफर मुद्दे पर Court ने सरकार को फटकार लगाई |
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रविवार, 27 अगस्त 2023
अब 06 माह से पहले नहीं बन पाएंगे राज्यकर्मी
पटना : अब बिहार के शिक्षक बनने के लिए अभी और करना होगा इंतज़ार। बिहार के अपर मुख्य सचिव के पत्र को माने तो अभी BPSC द्वारा बहाली होने में 5-6 महीने का वक्त लगेगा। ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 15 अगस्त 2023 को गाँधी मैदान से घोषणा की गई थी कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को BPSC से बहाली के बाद सरकारीकरण करने की बात इशारों इशारे में कहा था।
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अभी 06 माह राज्यकर्मी के लिए करना होगा इंतज़ार
शनिवार, 26 अगस्त 2023
शिक्षक अब मेंटर की भूमिका में | TEACHER NOW IN MENTORS ROLL
किसी देश के निर्माण में एक शिक्षक यानी गुरु का बहुत बड़ा योगदान होता है। आज के दौर में शिक्षक केवल पढ़ाने वाला शिक्षक ही नहीं है बल्कि मेंटर (mentor) यानी पथ प्रदर्शक भी है। शिक्षक केवल शिक्षा ही नहीं देता बल्कि छात्र को सही दिशा प्रदान करता, जिससे उसका विकास हो सके। आइए इस लेख से जाने की एक शिक्षक किस तरह से मेंटर की भूमिका में आ सकता है। मेंटर का अर्थ गाइडिंग करने वाला व्यक्ति होता है। पढ़ाई हमें ज्ञान देता है लेकिन समाज में उसका उपयोग कैसे करना है, अपना भविष्य कैसे बनाना है? इन सब बातों को व्यवहारिक तौर पर लागू करना और छात्रों की समस्याओं का समाधान एक टीचर के रूप में मैंटर ही
कर सकता है।
नई शिक्षा नीति के अनुसार एक मेंटर बच्चों में चरित्र का विकास और उसमें नैतिक विकास का बीज रोपण करता है। मेंटर की भूमिका समाज में बहुत बड़ी होती है और शिक्षक को एक मेंटर होना चाहिए क्योंकि वह अपने छात्रों को सही दिशा और उसके सही भविष्य के लिए उनकी सहायता कर सकें। Now Teacher As Mentor की भूमिका में है।
शिक्षक को मेंटर बनने की ट्रेनिंग
अगर हम दार्शनिक दृष्टिकोण डाले तो वास्तव में एक शिक्षक गुरु हमारे गुरुकुल में एक मेंटर की भूमिका में ही होते थे। गुरुकुल में पढ़ाने वाले गुरु शिष्य के संपूर्ण व्यक्तित्व निर्माण करते थे। नैतिक मूल्य और चरित्र के विकास में गुरुकुल का बड़ा ही योगदान होता था और उसमें ज्ञान देने वाले गुरु एक तरह से पथ प्रदर्शक मेंटर ही होते थे। नई शिक्षा नीति में शिक्षकों को मेंटर बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग हमारे गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में और भारतीय दर्शन में पथ प्रदर्शक यानी मेंटर के ज्ञान को आधुनिक शिक्षकों में ट्रेनिंग के माध्यम से दिया जा रहा है। (Now Teacher As Mentor)
शिक्षक की सोच मेंटर वाली क्यों होनी चाहिए?
टीचिंग के यूनिक प्रोफेशन में खुद को एक प्रोफेशनल से ज्यादा शिक्षक एक राष्ट्र निर्माता यानी नेशन बिल्डर की तरह स्वयं को देखता है। बच्चों को सही ज्ञान के साथ सही मार्गदर्शन करना, शिक्षक के रूप में मेंटर का काम होता है। आइए जानें कि किस तरह से एक शिक्षक स्वयं को मेंटर बना सकता है और वह छात्रों के भविष्य को संवार सकता है।
- किसी भी बालक को शिक्षा से ज्यादा उसे गाइडेंस की आवश्यकता होती है। यह गाइडेंस एक मेंटर ही दे सकता है।
- पहले एक शिक्षक की तरह सोचते थे लेकिन जब आप एक मेंटर की तरह सोचना शुरु करेंगे। बच्चों की समस्या का समाधान प्रश्न पूछने के लिए बच्चों को प्रेरित करेंगे तो उनकी हर समस्याओं का समाधान आप बड़ी आसानी से दे सकते हैं।
- हर बच्चे में विश्लेषणात्मक सोच की शक्ति पैदा करने के लिए अपने पढ़ाने के तरीके में बदलाव लाएंगे।
- अपने विषय वस्तु को पढ़ाते समय उसमें नैतिकता और चरित्र निर्माण के टूल्स की तरह इस्तेमाल करेंगे। नयी तकनीक और नये तरीके कक्षा में पढ़ते समय प्रयोग करेंगे।
- रोज अपने अनुभव को डायरी में लिपिबद्ध करेंगे।
- शिक्षा से संबंधित लेखन कार्य से लोगों को जागरूक भी करेंगे।
- पढ़ाने के तरीके में नए टीचिंग मेथड उपयोग किया जाएगा। खेल खेल में प्रभावशाली शिक्षा देने के लिए नए टीचिंग मेथड अपनाया जाएगा।
- दुनिया में शिक्षा के लिए कौन-कौन से सुधार हो रहे हैं, और कौन-कौन से अनुसंधान हो रहे हैं, उनकी जानकारी रखना और नए प्रयोग करके अपने देश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाना। इस काम के लिए भी होते हैं।
- व्यवहारिक रुप से बदलाव की ओर अग्रसर होंगे और चिंतन मनन के द्वारा नए तरीकों को भी खोजने की पहल करेंगे और अपने साथी टीचरों से यह बात साझा भी करेंगे। इसके लिए विभिन्न प्रकाशन माध्यम और डिजिटल माध्यम का प्रयोग भी आप करेंगे।
शुक्रवार, 25 अगस्त 2023
Breaking news | मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने कहा "15 अगस्त को तो घोषणा कर ही दिए हैं।" "सब मिलेगा"
Breaking news | मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने कहा "15 अगस्त को तो घोषणा कर ही दिए हैं।" "सब मिलेगा"
https://youtu.be/o_UvAnb5-zAरविवार, 20 अगस्त 2023
नियोजित शिक्षकों को मिला कांग्रेस का साथ।
नई शिक्षक नियमावली के विरोध में उतरी कांग्रेस, कांग्रेस मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार के लिए बन गए गले की घण्टी, अब नियोजित शिक्षकों को हॉग्स बड़ा फायदा
बिहार :–शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर बिहार के शिक्षकों का विरोध जारी है. अब सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक दलों ने भी इस पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि पिछले कई वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षकों के प्रति सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता है.
कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने रविवार को कहा कि नई शिक्षक नियोजन प्रणाली पर बिहार के मुख्यमंत्री से हम भी अनुरोध करेंगे कि इस पर वे सहानुभूति पूर्वक निर्णय लें. जिन शिक्षकों ने लंबे अरसे तक पढ़ाया है उनके समायोजन पर भी विचार किया जाए.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को हमलोग भी उचित नहीं मानते हैं. जिन शिक्षकों ने 15 वर्ष तक पढ़ाया अब उनकी योग्यता पर सवाल किया जा रहा है. इसे हम लोग उचित नहीं मानते हैं. उनके समायोजन का भी विचार किया जाए. इसके पहले वामपंथी दलों ने भी नीतीश सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई थी. अब कांग्रेस भी इस मुद्दे पर नीतीश सरकार के खिलाफ हो गई है. वहीं शिक्षकों ने पहले ही इस मुद्दे पर आंदोलन की धमकी दे रखी है.
इस बीच, जातीय जनगणना के मुद्दे पर अखिलेश सिंह ने भाजपा को जमकर लताड़ा. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर पटना हाई कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उस पर अब बिहार सरकार फिर से कोर्ट गई है. उन्होंने कहा कि भाजपा का यह आरोप कि नीतीश सरकार की मंशा ही जातीय गणना कराने की नहीं है पूरी तरह से बेबुनियाद है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा के लोग ही हाईकोर्ट गए थे और गणना पर रोक की मांग की. ऐसे में बिहार की जनता जानती है कि किसकी मनसा जाति गणना पर रोक लगाने की थी.
वहीं बिहार में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि बजरंग दल की जो मनसा और कारगुजारियां रही हैं उसे भारतीय जनमानस के लोग नहीं स्वीकारते हैं. भारतीय संविधान सभी जाति और धर्म के लोगों को एक समान दृष्टि से देखता है. उसी के अनुसार चलता है. ऐसे में बजरंग दल को भारतीय जनमानस स्वीकार नहीं करता है .
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