पटना. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा बिहार के प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश की कटौती पर शिक्षकों की नाराजगी उभरने लगी है। शिक्षक सरकार से मांग कर रहे है की उनसे अवकाश के अधिकार को न छीना जाए।
इस पूरे प्रकरण पर टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने बिहार सरकार से अपील करते हुए कहा है कि अचानक से शिक्षकों को विभिन्न पर्व त्योहारों में मिल रहे अवकाश से शिक्षक असंतुष्ट हो रहे है एवं इससे उन्हें सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
एक तो शिक्षक पहले ही अपने परिवार से कोशो दूर पदस्थापित है तथा इन्ही पर्व त्योहारों में वे अपने परिवार से मिल पाते है और दूसरा विभिन्न त्योहारों में छुट्टी रद्द कर देने से उनमें सरकार की प्रति उत्कंठा का भाव जागेगा एवं वे तनावग्रस्त हो सकते है।
वही दूसरी ओर अगर बात की जाए वर्ष में शैक्षणिक दिवसों की तो वर्षभर में शिक्षकों को देय अवकाश को छोड़कर भी दो सौ बीस दिन से अधिक वर्ग संचालित हो जाती है एवं नई शिक्षा नीति में भी बच्चो के लिए विद्यालय का समय कम करने की बात की जा रही है। त्योहारों के समय इस प्रकार अवकाश रद्द कर देने से छात्रों को भी परेशानी होगी।
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हम सरकार से अपील करते है की वे अपने आदेश पर पुनर्विचार करते हुए अपना आदेश वापस ले। इस आदेश से विगत दिनों शिक्षक और सरकार के मध्य जो विश्वास कायम हुआ था वह भी टूट रहा है। अगर फिर भी विभाग को लगता है की जनगणना, आपदा चुनाव आदि से पढ़ाई प्रभावित हो रही है तो विभाग शिक्षकों को इन कार्यों से मुक्त रखे।
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