बिहार पटना :–बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का वेतन बड़ी संख्या में शिक्षा विभाग ने काटा है , बताया जाता हैं कि पहले भी लगभग 11 हजार शिक्षकों का वेतन शिक्षा विभाग ने काटा है , अब 6 हजार और शिक्षकों का वेतन काटने की तैयारी शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है।


शिक्षकों के वेतन कटौती विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण हो रही हैं । शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विद्यालयों का निरीक्षण किया जिसमें विद्यालयों में अनुपस्थित मिले शिक्षकों पर शिक्षा विभाग करवाई की तैयारी शुरू कर चुकी हैं ।

बिहार की शिक्षा विभाग को दुरुस्त करने में लगे एसीएस केके पाठक लगातार सख्त फैसले ले रहे हैं। स्कूलों में शिक्षक नियमित आएं, इसके लिए उन्होंने सख्त आदेश दिए कि स्कूलों से पूर्व अनुमति के बगैर गायब रहने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को लेकर शिक्षा विभाग सख्त है और कार्रवाई की जाएगी।

विभाग में भी यह नजर भी आने लगा है। शिक्षा विभाग ने पिछले दो माह में छह हजार से भी अधिक शिक्षकों का वेतन काटा है। वहीं, 55 शिक्षकों को गैरहाजिर रहने समेत विभिन्न मामलों में निलंबित किया गया है।

जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि राज्य के चार जिले पूर्वी चंपारण, जमुई, शिवहर और सारण जिले में एक जुलाई से लेकर अभी तक एक भी शिक्षक का वेतन नहीं काटा गया है। वहीं, भागलपुर जिले में दो, अरवल में तीन तथा खगड़िया और रोहतास में नौ-नौ शिक्षकों का वेतन कटा है। अन्य जिलों में दस से लेकर 300 शिक्षकों तक का वेतन काटा गया है।

बीते दो महीने के भीतर 55 शिक्षकों को विभिन्न कारणों से निलंबित किया गया है। इन सबसे ज्यादा करीब 26 शिक्षक एक ही जिले सीतामढ़ी से हैं। दूसरे नंबर पर बांका जिला है, जहां 6 शिक्षक सस्पेंड हुए हैं। बीते दो महीने में राज्य के 24 जिलों मेंएक भी शिक्षक निलंबित नहीं हुआ है।

हर एक विद्यालय का सप्ताह में कम-से-कम दो बार निरीक्षण हो, इसका आदेश विभाग ने जारी किया है। साथ ही जिलों से निरीक्षण की रिपोर्ट भी प्रतिदिन विभाग को जिलों के माध्यम से प्राप्त हो रही है। जिलों को निर्देश है कि निरीक्षण में न सिर्फ अनुपस्थित पाए गए शिक्षक, बल्कि उनपर करवाई हुई है, इसकी रिपोर्ट विभाग को करना है।जिससे अब शिक्षक भी समय पर स्कूल पहुंच रहे हैं।