रविवार, 24 सितंबर 2023

आज की कैबिनेट बैठक में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने पर चर्चा जोरों पर

 विभिन्न मीडिया हाउस की खबर की माने तो नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने पर चर्चा जोरों पर है। यहां तक कि मंत्री विधायक और शिक्षक संगठन के नेतृत्वकर्ताओं ने भी इशारों इशारों में संकेत दे दिया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में आज शिक्षा विभाग से जुड़े बड़े फैसले हो सकते हैं


जी हां, तो खबर पटना से निकल कर आ रही है।


पटना..... राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिये जाने पर जल्द ही फैसला लिये जाने की उम्मीद है। इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है।


वित्त विभाग और कैबिनेट की स्वीकृति के बाद शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। इन चर्चाओं के बीच सोमवार को राज्य कैबिनेट की बैठक हो रही है। बैठक मे राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण निर्णय लेगी।

वित्त विभाग और कैबिनेट की स्वीकृति के बाद शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। इन चर्चाओं के बीच सोमवार को राज्य कैबिनेट की बैठक हो रही है। बैठक मे राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण निर्णय लेगी।


मालूम हो कि आमतौर पर कैबिनेट की बैठक के लिए मंगलवार का दिन तय रहता है पर इस बार एक दिन पहले इसका आयोजन हो रहा है। मतलब साफ है आगे चुनाव है और इस बार चार लाख शिक्षकों को नाराज नहीं करना चहती है सरकार। तो कैबिनेट की बैठक के बाद जो खबर निकलकर आएगी तो आपको अपडेट करेंगे। फिलहाल इस वीडियो में इतना हीं।
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नियोजन इकाइयों से बाहर निकलेंगे शिक्षक | नियोजित शिक्षकों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा | कैबिनेट से मंजूरी लेने की तैयारी |

नियोजित शिक्षकों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा

■ कैबिनेट से मंजूरी लेने की तैयारी 
■ नियोजन इकाइयों से बाहर निकलेंगे शिक्षक

पटना : राज्य मे नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा जल्द मिलने के आसार हैं। माना जा रहा है कि नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी लेने की तैयारी है।
राज्य मे प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक मे नियोजित शिक्षकों की संख्या 3 लाख 80 हजार के करीब है। इन विद्यालयों मे नियोजित शिक्षकों की यह संख्या छह चरणों की बहाली के बाद पहुंची है। राज्य मे प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे नियोजित शिक्षकों की बहाली वर्ष 2006 मे नियत वेतन पर शुरू हुई थी। तब, उन्हें इंक्रीमेंट 3 साल पर मिला करता था।

रविवार, 17 सितंबर 2023

Breaking News | K K PATHAK के आदेश के खिलाफ पटना HC पहुंचे कोचिंग संचालक | मामले में दायर की गई याचिका


PATNA : बिहार शिक्षा विभाग के आईएएस केके पाठक ने प्राइवेट कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसा तो अब मामला सीधे हाईकोर्ट पहुंच गया। हाई कोर्ट में कोचिंग संचालक ने संबंधित आदेश को रद्द करने की याचिका दायर की है। 

मिली जानकारी के अनुसार, कोचिंग संस्थानों ने अपने और छात्रों के हितों के नुकसान के आधार पर कोर्ट से याचिका के माध्यम से अपील की है कि, राज्य सरकार के इस आदेश की वजह से न सिर्फ कोचिंग में पढ़ाने वाले लोगों के व्यवसाय में घाटा लगा है, बल्कि छात्रों को भी नुकसान हुआ है। इस मामले पर शीघ्र सुनवाई होने की संभावना हैं।


बताया जा रहा है कि, अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव के माध्यम से यह याचिका कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत व अन्य द्वारा दायर की गई है। इससे पहले कोचिंग संस्थानों को स्कूल की टाइम में नहीं चलाये जाने संबंधी आदेश को लागू करने के लिये राज्यभर के जिलाधिकारियों को सुनिश्चित करने का आदेश शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी द्वारा जारी किया गया था। ये आदेश 31 जुलाई 2023 को जारी किया गया था।
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बता दें कि, एसीएस केके पाठक की तरफ से राज्य के सभी जिला पदाधिकारी को निर्देश दिए गए थे कि राज्यभर के कोचिंग संस्थानों को 9 से 4 बजे तक न खोला जाय। जारी किए गए आदेश पत्र में स्पष्ट किया गया था कि राज्य में बिहार कोचिंग इंस्टीट्यूट कोचिंग एंड रेगुलेशन एक्ट 2020 लागू है, लेकिन इस अधिनियम के तहत कभी कोई कारगर कदम नहीं उठाये गये।

गुरुवार, 14 सितंबर 2023

शिक्षा विभाग : अब जांच के नाम पर खानापूर्ति नहीं चलेगी।

असरदार निरीक्षण के लिए मानक तय...।
सभी BEO अब किस तरह से करेंगे काम...।



PATNA: सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण तो किया जा रहा पर असरदार निरीक्षण नहीं किया जा रहा. कह सकते हैं कि निरीक्षण के नाम पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी खानापूर्ति कर रहे. अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण में बरती जा रही लापरवाही को पकड़ लिया है. इसके बाद उन्होंने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है. के के पाठक ने प्रखंड स्तर पर बीपीएमयू की स्थापना एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के कर्तव्य एवं दायित्व के बारे में बताया है.

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निरीक्षण की खानापूर्ति से नहीं चलेगा काम- K K Pathak | शिक्षा पदाधिकारियों को अब ऐसे जांच करना होगा!


सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में के के पाठक ने कहा है कि शैक्षणिक व्यवस्था को सुधार करने के लिए प्रतिदिन 40000 विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है. एक विद्यालय का सप्ताह में तीन बार निरीक्षण हो रहा . इस व्यवस्था से शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति में काफी सुधार हुआ है, हालांकि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है. यह देखा गया है कि कई पदाधिकारी, कर्मी स्कूल का निरीक्षण बहुत ही रूटिंग या मौखिक तरीके से करते हैं. जबकि मेरे द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि यह निरीक्षण इफेक्टिव होना चाहिए.  हमें निरीक्षण को सिर्फ शिक्षक एवं छात्र की उपस्थिति तक की सीमित नहीं रखता है, बल्कि विद्यालय के सभी पहलुओं व शिक्षा के सभी बिंदुओं को शामिल करना है.



के के पाठक ने उदाहरण देकर सरकारी विद्यालयों की निरीक्षण व्यवस्था की पोल खोली है. उन्होंने एक उदाहरण देकर बताया कि गया जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में अफीम की बोरियां मिली हैं. इससे स्पष्ट है कि वहां पर सही तरीके से निरीक्षण नहीं किया गया था. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने उस विद्यालय का निरीक्षण भी किया था. तब भी अफीम की बोरियां नहीं देख पाए. ऐसे में विद्यालय निरीक्षण की व्यवस्था को नए स्तर पर ले जाना है.

के के पाठक ने सरकारी विद्यालयों में इफेक्टिव इंस्पेक्शन को परिभाषित किया है. साथ ही इसके लिए मानक तय किए हैं. जब भी कोई अधिकारी या कर्मी विद्यालय में जाए तो सबसे पहले स्कूल के सभी कमरों के ताले खोलकर परिसर का निरीक्षण करे. प्रधानाध्यापक को यह स्पष्ट निदेश दें कि वह सुबह 9:00 से पहले सभी कमरे के दरवाजों के ताले खोले और विद्यालय अवधि के बाद सभी कमरों को बंद करे. विद्यालय में साफ सफाई ठीक से हो रही है या नहीं देखें.  शौचालय, कक्षा, फर्नीचर, लैब लाइब्रेरी की साफ सफाई हुई है या नहीं देखें. लैब लाइब्रेरी कार्यरत है या नहीं यह भी देखें. सरकार द्वारा भेजे गए विभिन्न प्रकार के उपकरण तथा खेल के लिए भेजी गई सामग्री का प्रतिदिन इस्तेमाल हो रहा है या नहीं? महीने के अंत में मासिक परीक्षा, प्रत्येक सप्ताह टेस्ट और प्रत्येक दिन होमवर्क दिया जा रहा है या नहीं?  विद्यालय में कितने प्रकार के खाते हैं और उसमें कितनी राशि है इसकी भी जानकारी लें. अगर इन तमाम बिंदुओं पर जांच पूरी हो गई हो तब शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति के बारे में जानकारी लें. यदि परिसर में कोई निर्माण हो रहा है तो यह देखा जाए कि वह यथासंभव वर्टिकल हो, ध्यान रखें कि खेल मैदान, प्रार्थना मैदान में ताबड़तोड़ कमरे बनाकर विद्यालय के ग्रीन एरिया को खराब नहीं करें.


शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने आगे कहा है कि जोर निरीक्षण पर नहीं बल्कि इफेक्टिव निरीक्षण पर होना चाहिए. इसके लिए प्रखंड स्तर पर ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को सक्रिय किया जाना आवश्यक है. इस यूनिट में 14 कर्मी होंगे. यदि किसी प्रखंड में अभी तक 14 कर्मी कार्यरत नहीं है तो संपर्क कर इसकी व्यवस्था करें. बीईओ अपने प्रखंड में ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को सक्रिय करें. सभी कर्मी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के नियंत्रण में होंगे।

मंगलवार, 12 सितंबर 2023

पुलिस के थप्पड़ का जवाब ईंट से; छात्राओं ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की गाड़ी पर किया हमला


वैशाली : महिला पुलिस अधिकारी ने छात्राओं पर थप्पड़ चला दिया जिसके बाद गुस्साए छात्राओं ने महनार BEO के गाड़ी पर हमला बोल दिया और उनकी गाड़ी को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं स्कूल प्रशासन का कहना है कि बच्चों को बहकाया गया है। 
वैशाली के महनार थाना क्षेत्र के महनार बाजार पटेल चौक स्थित बालिका उच्च विद्यालय के छात्राओं ने जमकर उत्पाद मचाया। इस दौरान उनलोगों ने महनार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अहिल्या कुमार की गाड़ी में तोड़फोड़ भी किये। छात्राओं का आरोप है कि उच्च विद्यालय में बैठने के लिए बेंच टेबल नहीं है जिस वजह से मज़बूरी में जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता है। विद्यालय प्रशासन को लगातार शिकायत करने के बाद भी विद्यालय प्रशासन इसके प्रति उदासीन है। इस वजह से आज विद्यालय की छात्राओं का आक्रोश विद्यालय से निकलकर सड़क पर आ गया और इनलोगों ने विद्यालय के सामने महनार महिउद्दीनगर NH 122 B को जाम कर दिया।
महिला पुलिस अधिकारी के इस व्यवहार पर भड़की छात्राएं 
छात्राओं के द्वारा विद्यालय प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया जा रहा था। तभी घटना की सूचना मिलने पर के बाद महनार थाने की महिला पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंची और छात्राओं को समझाने लगी। विद्यालय की छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि महिला पुलिस अधिकारी ने छात्राओं पर थप्पड़ चला दिया जिसके बाद गुस्साए छात्राओं ने महनार BEO के गाड़ी पर हमला बोल दिया और उनकी गाड़ी को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। इस दौरान छात्राओं के द्वारा रोड़ेबाजी भी कि गई जिसमें कुछ पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं।
वही जहां एक ओर छात्राओं का कहना है कि विद्यालय में बैठने की व्यवस्था नहीं है। इस वजह से बड़ी बड़ी लड़कियों को पढ़ने में दिक्कत होती है। कई बार लिखित शिकायत के बाद भी जब विद्यालय की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तब विद्यालय की छात्राएं हंगामा करने लगी। जबकि शिक्षा विभाग के पदाधिकारी द्वारा कहा गया कि विद्यालय प्रशासन द्वारा बच्चियों को बहकाया और भड़काया  गया है इसके बाद लड़कियों ने हंगामा और तोड़फोड़ किया है।

गुरुवार, 7 सितंबर 2023

K K Pathak का नया फरमान, स्कूल में शिक्षकों ने बच्चों से करवाया ये काम तो खैर नहीं.

के के पाठक ने सभी डीईओ और डीपीओ के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार के कई जगहों में स्कूलों के मेन गेट का ताला और कमरों का ताला बच्चों से खुलवाया जाता है. यह बहुत गंभीर मुद्दा है. साथ ही केके पाठक ने शिक्षकों को नया फरमान भी जारी कर दिया है.

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पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने गुरुवार को सभी जिले के डीईओ और डीपीओ के साथ हाई लेवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में विद्यालयों में बच्चों से स्कूल के मुख्य द्वार के ताले नहीं खुलवाया जाए. केके पाठक ने कहा कि विद्यालयों के मॉनिटरिंग के क्रम में कई जगह से यह जानकारी सामने आई है कि स्कूल के मुख्य द्वार और स्कूल के कमरों के ताले छात्रों से खुलवाए जाते हैं.


के के पाठक का शिक्षकों को नया फरमान :के के पाठक ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि स्कूलों के ताले बच्चों से खुलवाया जाना यह गंभीर मुद्दा है. आगे से इस प्रकार की उन्हें शिकायत मिलती है तो स्कूलों के प्रधानाचार्य और संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी. यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूलों के गेट और कमरों के ताले कार्यरत परिचारी, लिपिक अथवा प्राधिकृत शिक्षक के द्वारा ही खुलवाया जाए.


शिक्षक संघ ने कही ये बात :शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के इस निर्देश पर बिहार टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि इस प्रकार के निर्देशों के माध्यम से अपर मुख्य सचिव समाचारों के सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. विद्यालयों में पहले से पालन होते रहा है और प्रधानाचार्य या संबंधित शिक्षक ही विद्यालय का मेन गेट खोलते हैं.


"यदि किसी कमरे का ताला खोलने के लिए अपने सामने छात्रों को शिक्षक निर्देशित करते हैं तो इसके माध्यम से वह बच्चों में बड़ों के आदेशों का अनुपालन सीखाते हैं. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को रोजाना इस प्रकार का ऊलूल जूलूल दिशा निर्देश जारी कर शिक्षा विभाग शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है."- राजू सिंह, प्रदेश संयोजक,बिहार टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ

बुधवार, 6 सितंबर 2023

वार्षिक छुट्टी की जगह कार्य दिवस का कैलेंडर जारी करें विभाग। शिक्षक संगठनों ने रखी मांग।

बेगूसराय (बिहार)। बिहार में छुट्टी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। छुट्टी की कटौती वापस होने के बाद शिक्षा‍ विभाग ने बच्‍चों की पढ़ाई तय मानक के अनुसार नहीं होने का मामला उठाया। इसे शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इसे आधारहीन और तथ्‍यहीन बताया। वार्षिक अवकाश तालिका के बजाय 220 दिन के कार्य दिवस का कैलेंडर जारी करने की मांग की।



गलत तर्क दे रहा है विभाग

मोर्चा ने कहा कि विभाग आम जनमानस में ये प्रचारित करने का प्रयास कर रहा हैं कि सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन नहीं होता है। यह अत्यंत ही खेदजनक की बात है। शिक्षकों का मनोबल गिराने जैसा है। विभाग ने शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार एक से पांच तक के प्रारंभिक विद्यालयों के लिए 200 दिन और छह से आठ वर्ग तक के मध्य विद्यालयों के लिए 220 दिन पढ़ाई नहीं होने के तर्क को बल देने के लिये गलत और तथ्यहीन तर्क प्रस्तुत किया है।


अनावश्यक बवाल हो रहा

शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सदस्य सह टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्य संयोजक राजू सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा छुट्टी को लेकर अनावश्यक बवाल मचाया जा रहा है। जनता को गुमराह किया जा रहा है। शिक्षा अधिकार कानून की अनदेखी की जा रही है। जनता को यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा कि शिक्षक छुट्टी के लिए परेशान रहते हैं। बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं। पिछले 10 वर्ष के शैक्षणिक सत्र (अप्रैल से मार्च) का किसी भी जिले से रिपोर्ट मंगवा कर देख लिया जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि हर वर्ष न्यूनतम 230 और अधिकतम 253 दिनों तक विद्यालय खुले रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई होती रही है।


गरिमा को आहत नहीं करें

शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि अगले वर्ष से छुट्टी का कैलेंडर जारी नहीं किया जाए। उसकी जगह आरटीई के आलोक में प्रारंभिक विद्यालयों के लिए 200 दिन और मध्य विद्यालयों के 220 दिन के कार्य दिवस का कैलेंडर जारी किया जाए। इससे सारा झंझट ही समाप्त हो जाएगा। विभाग शिक्षकों की गरिमा को आहत नहीं करें। जनता को गुमराह नहीं करें।


शुक्रवार, 1 सितंबर 2023

आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे बिहार के टीचर: स्कूलों में तालाबंदी की तैयारी, शिक्षक संघों ने बुलाई बड़ी बैठक; नीतीश की फजीहत तय!

आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे बिहार के टीचर: स्कूलों में तालाबंदी की तैयारी, शिक्षक संघों ने बुलाई बड़ी बैठक; नीतीश की फजीहत तय!

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PATNA: शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के हर दिन नए-नए आदेशों से परेशान बिहार के शिक्षक अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। अफसरशाही के खिलाफ बिहार के शिक्षक संघ बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। इसको लेकर आगामी 3 सितंबर को राज्यभर के शिक्षक संघों की बैठक बुलाई गई है। बोरा और कबाड़ बेचने के साथ साथ छुट्टी कटौती के बाद शिक्षक संघों का आक्रोश भड़क गया है और वे सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।


दरअसल, शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद से ही केके पाठक लगातार एक्शन में हैं। बिहार में ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए केके पाठक हर लगातार कड़े फैसले ले रहे हैं और राज्य के शिक्षकों पर नकेल कस दिया है। केके पाठक का नाम सुनते ही शिक्षक खौफजदा हो जाते हैं। केके पाठक के आदेश के कारण बिहार के शिक्षक बोरा और कबाड़ बेचने तक को बाध्य हो गए हैं। बोरा और कबाड़ बेचने के आदेश तक तो सब ठीक था लेकिन जैसे ही शिक्षकों की छुट्टी में कटौती की गई उनका आक्रोश भड़क गया.


अब बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षक सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मूड बना रहे हैं। हर दिन के आदेशों से परेशान हो चुके शिक्षक संघों ने आंदोलन को लेकर बड़ी बैठक बुलाई है। प्राइमरी से लेकर उच्च माध्यमिक शिक्षक संगठनों की बैठक बुलाई गई है। 3 सितंबर को सुबह 11:30 बजे पटना के यूथ हॉस्टल में होने वाली इस बैठक के बाद शिक्षक संघ अफसरशाही के खिलाफ बड़े आंदोलन का एलान करेंगे और राज्यभर के स्कूलों में तालाबंदी की घोषणा तक कर सकते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर शिक्षकों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया तो सीएम नीतीश और सरकार की फजीहत होनी तय है।

हमें के खिलाफ महिला शिक्षिका ने उठाई आवाज, तो मिली गालियाँ और प्रताड़ना!

सीतामढ़ी: मंहथ विजयानंद गिरी उच्च माध्यमिक विद्यालय, मानिक चौक में महिला शिक्षिका मीनाक्षी कुमारी ने वित्तीय अनियमितता का विरोध ...