गुरुवार, 26 सितंबर 2024

संकुल संसाधन केंद्र पर कक्षा तीसरी और कक्षा आठवीं की होगी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच, मूल्यांकन केंद्र पर रविवार को रहेगी

संकुल संसाधन केंद्र पर कक्षा तीसरी से कक्षा आठवीं की होगी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच।


राजभर के सभी जिलों को सरकारी और व्यवसाय सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक स्कूलों में अर्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा चल रही है। क्लस्टर सेंटर को उत्तर पुस्तिका का जांच का केंद्रक बनाया गया है। इसे लेकर राज्य शिक्षा परिषद के निदेशक में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया है वर्ग 1 और 2 के छात्रों का मूल्यांकन मूल विद्यालय में ही किया जाएगा वर्ग 3 से 8 शिक्षक छात्रों का साल 2024 के अर्धवार्षिक मूल्यांकन के प्रश्न पत्र पत्रिका का जाँच संसाधन केंद्र पर ही किया जाएगा।

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रिसोर्स सेंटर संकुल संसाधन केंद्र मूल्यांकन का कार्य शुक्रवार 27 सितंबर से 1 अक्टूबर तक नियमित रूप से किया जाएगा।

प्रत्येक छात्राओं के परिणाम को मूल्यांकन पंजी या मूल्यांकन पंजी पर पत्र में अंकित करना है।

वहीं प्रगति पत्रक में विद्यार्थियों के परिणाम को अंकित करने का काम इसी अवधि में पूरा किया जाएगा।

10 से 12 परीक्षकों पर होंगे एक प्रधान परीक्षक

सभी जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर संकुल कंपलेक्स केंद्र बनाया गया है जब किसानों में निर्धारित स्कूल या वार्ड संख्या के अनुसार कंपलेक्स रिसोर्स सेंटर बनाया गया है इन सेंटरों पर छात्र एवं उत्तर पुस्तिका के अनुपात में परीक्षकों की नियुक्ति की जाएगी 10 से 12 परीक्षको पर एक प्रधान परीक्षक होंगे।

10:00 बजे सुबह से शाम 4:00 बजे तक प्रश्न पत्र के उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाएगी। शिक्षकों को उत्तर पत्रिकाओं की जांच करने के दौरान मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई है।

26 सितंबर को परीक्षा संपन्न होने के साथ ही सभी शिक्षक प्रति नियुक्ति स्कूलों से विरमित होकर मूल विद्यालय में योगदान कर लेंगे।

भितिहरवा गांधी आश्रम से सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र का संदेश, स्वच्छता के प्रति लोगों को किया जागरूक

देशभर में स्वच्छता अभियान के बिच सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने बनाई कलाकृति, दिया स्वच्छता ही सेवा का संदेश, लोगों को किया स्वच्छता के प्रति जागरूक, केंद्रीय राज्यमंत्री ने की सराहना

गौनाहा, पश्चिम चापरण। भारत सरकार के स्वछता ही सेवा पखवाड़े के तहत देशभर में बड़े ही जोर शोर और उत्साह से स्वछता अभियान चलाया जा हैं। वही पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड अंतर्गत भितिहरवा गांधी आश्रम के थीम पार्क में 17 सितंबर से शुरू हुए और 2 अक्टूबर तक चलने वाली 15 दिवसीय स्वच्छता उत्सव का आगाज हो गया। वही हर खास अवसरों पर अपनी बेमिसाल कलाकृति से सुर्खियों में चर्चा रहने वाले चंपारण के लाल विश्वविख्यात युवा रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए तीन दिनों के कठिन परिश्रम के बाद 5 टन बालू के रेत पर महात्मा गांधी की स्वच्छता ही सेवा की कलाकृति उकेरी और लिखा संस्कार स्वच्छता, स्वभाव स्वच्छता। यह कलाकृति आकर्षण का केंद्र है। लोग इस कलाकृति के साथ अपने मोबाईल फोन में सेल्फी भी ले रहे हैं।
 
बता दें कि स्वच्छता पखवाड़े की उद्घाटन सत्र के दौरान सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र द्वारा जन जागरुकता के लिए रेत पर बनाई गई स्वच्छता ही सेवा की मनमोहक कलाकृति को देख कुछ देर तक निहारते रहे केन्द्रीय राज्य मंत्री सतीश चन्द्र दुबे ने मधुरेंद्र को पीठ थपथपाकर बधाई भी दी। वही सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने 3 सेमी वाली दुनियां के सबसे छोटी पिपल के हरे पत्तों में बनी डीएम की तस्वीर को पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय को सप्रेम भेट भी की। 

मौके रामनगर नगर विधायक भागीरथी देवी, डीडीसी सुमित कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी शिवजन्म राम, अंचलाधिकारी विवेक कुमार, डीसी शशि रंजन, मनोज प्रभाकर, विक्की कुमार, विश्वजीत कुमार समेत अन्य वरीय पदाधिकारियों, राजनैतिक हस्तियों व आमलोगों ने भी मधुरेंद्र की कलाकृति की प्रशंशा करते बधाई दी।
Report:- shiksha tak news

शनिवार, 21 सितंबर 2024

शिक्षक संगठन की बात नहीं मानना शिक्षकों के लिए भारी नुकसान - जयंत सिंह

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आज शिक्षक नेता जयंत सिंह ने बिहार जे शिक्षकों के संदर्भ में बहुत बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि- आज मेरे पास बहुत साथियों का फोन आ रहा है लगातार, पता नहीं क्यों आ रहा है? यह मैं नहीं बता सकता। परंतु इतना जरूर कहूंगा कि यदि संगठन की बात को मानकर हम लोग अपने मूल लड़ाई समान काम के समान वेतन पर अडिग रहते , सक्षमता का पूर्ण बहिष्कार करते तो सरकार की हालत बद से बदतर हो जाती परंतु शिक्षक नहीं माने!

उन्होंने आगे बताया- आज भी वक्त है ,अभी भी यदि एक स्वर में सारे शिक्षक यह बोल दें कि हम लोग सक्षमता का पूर्ण बहिष्कार करते हैं कोई ज्वाइन नहीं करेगा तो मैं वादा करता हूं की विधानसभा चुनाव से पहले सब कुछ हमारी जो मूल लड़ाई थी वह लेकर के रहेंगे शिक्षकों की अस्मिता कायम हो जाएगी!
अभी भी बिहार में70 हजार से ऊपर साथियों ने अपनी अस्मिता को बचाने के लिए सक्षमता का पूर्ण बहिष्कार किया मैं उन सभी क्रांतिकारी साथियों को चरण वंदन करता हूं और हमेशा करता रहूंगा !
सुबह का भूला हुआ शाम को जो साथी वापस लौट रहे हैं सक्षमता देने के उपरांत भी लगातार फोन आ रहा है मेरे पास उन सभी साथियों को भी संगठन के माध्यम से गले लगाने का काम करूंगा!
सरकार के द्वारा एक-एक करके आपस में तोड़ने और झगड़ा करवाने की नीति फिर से एक बार चलाई गई है ,हमारे जो छोटे भाई आज नियुक्त हुए हैं बीपीएससी के माध्यम से उन सभी को विद्यालय का प्रभारी बनने के नाम पर आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार उनका वोट लेने की पूरी साजिश कर रही है !
अभी वर्तमान में हमारे नवनियुक्त शिक्षक साथियों को अच्छा लग रहा होगा, लगना भी चाहिए क्योंकि उनको विद्यालय का प्रभारी जो बनाया जा रहा है!
परंतु मैं उन बीपीएससी शिक्षक साथियों से कहना चाहूंगा कि आप मेरी बात को अपने दिमाग में कहीं लिख लेंगे यह सरकार किसी की नहीं है जैसे ही विधानसभा चुनाव समाप्त होगा आपको भी दरकिनार करके नीतीश जी अगला शिकार खोजेगे! मैं 20 वर्षों से इस सरकार की एक-एक गतिविधि का आकलन कर रहा हूं!
अब सरकार के इस जाल में फंसकर शिक्षक आपस में लड़ना शुरू कर दिए और क्यों नहीं लड़ेंगे एक आदमी 20 वर्ष से काम कर रहा है और एक शिक्षक आज 9 महीने से काम कर रहा है !
9 महीने वाले को प्रभारी बना दिया जाए तो 20 वर्ष वाला तो लड़ेगा ही अब दोनों शिक्षक को सरकार लडवा कर वोट का मजा लेगी !
यह सब कोई जान रहा है कि मामला कोर्ट में जा चुका है नियमावली सर्वव्यापी है एक तरफ 10 वर्ष सेवा होने के बाद प्रधानाध्यापक में प्रोन्नति का नियम है और दूसरी तरफ सरकार के द्वारा 9 महीने में प्रधानाध्यापक बनाया जाना हंसी का पात्र बनकर रह जाएगा बहुत जल्द सब कुछ सामने आ जाएगा!
ऐसा नहीं कि मैं बीपीएससी शिक्षक भाई का विरोध कर रहा हूं बल्कि मैं हकीकत से अवगत करा रहा हूं ,यहां पर सिर्फ और सिर्फ आपस में लड़वाया जा रहा है!
अभी औरंगाबाद जिला में देखने में आ रहा है हाई स्कूल का एक नियोजित टीचर जिनका जब तक मन किया नियोजित टीचर का नौकरी किया ,इसके बाद अपने आप को नियोजित शिक्षकों का रहनुमा बताकर नियोजित शिक्षकों को ब्लैकमेल करके एमएलसी का चुनाव लड़ गए नियोजित शिक्षकों ने आगे बढ़कर अन्य प्रत्याशियों से मतभेद मनभेद करके उक्त शिक्षक प्रत्याशी को अपना वोट भी दिया परंतु यह महानुभाव चुनाव हार गये !
फिर इन्होंने अपना नया जगह तलाश किया और बीपीएससी शिक्षक बन गए, जब बीएससी शिक्षक के नियमावली में ही केके पाठक जी के द्वारा संगठन नहीं बनाने का घोषणा कर दिया गया है, फिर कैसे अपने आप को यह महानुभाव बीपीएससी का नेता बोल रहे हैं!
यह फिर से एक बार कहीं ना कहीं बीपीएससी शिक्षकों को भी नियोजित शिक्षकों की तरह ठगने का प्लान कर रहे हैं और प्रभार संबंधी जो पत्र निकाला है इस मामले में सोशल मीडिया पर खूब उछल रहे हैं!
अब मेरा इतना कहना आप सभी समझ गए होंगे कि वह कौन है!
खैर चलिए कोई बात नहीं है अभी भी सारे शिक्षक यदि जाग जाए तो विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की ईट से ईट बजा देंगे हम लोग सड़क पर का कोई मजदूर नहीं है 20 वर्षों से अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत बिहार की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किए हैं कोई चाहे की दूध की मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दें यह बर्दाश्त नहीं होगा!
इसी संदर्भ में कल 22 सितंबर को बिहार के सभी जिला में हम लोग बैठक रखे हुए हैं यदि हमारी बात अच्छी लगे तो आप सभी बैठक में निश्चित रूप से अपना बहुमूल्य समय निकालकर पहुंचे, हम अपने पूर्व के लेख में बता चुके हैं कि इस बार औरंगाबाद में जिला का जो बैठक है वह मां उमगेश्वरी की धरती मदनपुर प्रखंड में संपन्न होगा, जिसका समय 11:00 से निश्चित है, स्थान प्रखंड संसाधन केंद्र उक्त बैठक में जिले के तमाम शिक्षक सादर आमंत्रित है!
उपरोक्त बातें बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के प्रदेश महासचिव सह जिला अध्यक्ष औरंगाबाद, जयंत सिंह ने दी।









गुरुवार, 19 सितंबर 2024

विद्यालय निरीक्षण की निगरानी खुद से ACS करेंगे, निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति करने वाले कर्मी व अधिकारीयों पर होंगी कड़ी करवाई, सेवा तक हो सकती है समाप्त!

विद्यालय निरीक्षण की निगरानी खुद से ACS करेंगे, निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति करने वाले कर्मी व अधिकारीयों पर होंगी कड़ी करवाई, सेवा तक हो सकती है समाप्त!

शिक्षा विभाग ने स्कूलों के निरीक्षण को और प्रभावी बनाने तथा इसके बेहतर परिणाम हासिल करने को लेकर कई अहम फैसले लिये हैं।

इसी क्रम में विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने निर्देश दिया है कि मुख्यालय के सभी अधिकारियों की स्कूल निरीक्षण की रिपोर्ट निदेशक के माध्यम से उनके पास आएगी, ताकि उस पर तत्काल आवश्यकतानुसार निर्णय ले सकें।

इस संबंध में शिक्षा वभाग द्वारा जिला और विभागस्तर पर अलग-अलग निरीक्षण कराया जाता है. मुख्यालय से भेजे जाने वाले पदाधिकारियों को जिला आवंटन विभाग स्वयं करता है।. पदाधिकारी करीब तीन महीने तक एक ही जिले के स्कूलों का निरीक्षण करते हैं, ताकि इस दौरान वह कमियों को दूर करा सकें।

जिलास्तर पर स्कूलों के निरीक्षण कार्य देने की जिम्मेदारी उप विकास आयुक्तों को दी गयी है. शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि स्कूलों के निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति नहीं चलेगी. स्कूल में सुधार अनिवार्य रूप से होना और दिखना चाहिए तभी, सरकारी स्कूलों के प्रति बच्चों और अभिभावकों में विश्वास जगेगा. इससे स्कूलों में बच्चों की संख्या में इजाफा होगा और शिक्षा की गणुवत्ता में भी सुधार होगा।

कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को सौंपे जाने वाली रिपोर्ट से अलग होगी विभाग ने यह भी कहा है कि स्कूल में सुधार नहीं पाये जाने पर निरीक्षण करने वाले संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी।. विभाग के पदाधिकारी निरीक्षण रिपोर्ट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में जमा करते रहे हैं. मगर अब वह एक अलग से भी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसमें स्कूल की कमियों के साथ-साथ उसमें सुधार के उपाय भी बताएंगे. यह रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से अपर मुख्य सचिव के पास जाएगी। रिपोर्ट और सुझाव पर तत्काल कार्रवाई होगी।

स्कूल संचालन में आ रही कठिनाइयों को देखेंगे।

विभाग ने पदाधिकारियों को कहा गया है कि स्कूल में निरीक्षण के दौरान वह पर्याप्त समय वहां पर देंगे. स्कूल की हर गतिविधि, पठन-पाठन और उपलब्ध सुविधाओं का संपूर्णता में निरीक्षण करेंगे।. साथ ही निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक तथा शिक्षकों के साथ बातचीत करेंगे और जानेंगे कि स्कूल के संचालन में किस तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं।

मंगलवार, 17 सितंबर 2024

स्कूलों की टाइमिंग, शिक्षकों की वेतन, स्थानांतरण लेकर बिहार विधान परिषद ने 8 सदस्य शिक्षा समिति का किया गठन, समिति को रिपोर्ट तैयार कर सौंपने की जिम्मेदारी सभापति ने सौंपी

स्कूलों की टाइमिंग, शिक्षकों की वेतन, स्थानांतरण लेकर बिहार विधान परिषद ने 8 सदस्य शिक्षा समिति का किया गठन, समिति को रिपोर्ट तैयार कर सौंपने की जिम्मेदारी सभापति ने सौंपी।

बिहार के नियोजित शिक्षक हों या स्थाई, सभी शिक्षकों का मुद्दा विधान परिषद में जोर-शोर से उठाया जाता है. शिक्षक-स्नातक कोटे के चुनकर विधान परिषद पहुंचने वाले सदस्य शिक्षकों के मुद्दे पर सरकार को घेरते हैं।

विधान परिषद में शिक्षा समिति के गठन से शिक्षकों को काफी फायदा होगा अब शिक्षकों की समस्या का समाधान शत प्रतिशत किया जाएगा शिक्षा समिति के गठन करने का उद्देश्य है शिक्षकों की और शिक्षा व्यवस्था की समस्याओं का समाधान करना।

 राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के समय में बदलाव किया जाएगा विधान परिषद में शिक्षा समिति को अपनी रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है। शिक्षा समिति में कुल 8 सदस्य हैं इन्हें यह आदेश दिया गया है कि आप विद्यालय के संचालन अवधि पर रिपोर्ट तैयार करके साथ ही साथ शिक्षकों की की भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर विधान परिषद में प्रस्तुत करें ताकि सरकार शिक्षकों की समस्या का समाधान जल्द से जल्द कर सके। चाहे यह समस्या वेतन की हो या शिक्षकों के स्थानांतरण की हो उन पर कार्रवाई की हो।

शिक्षा-शिक्षकों के मुद्दे पर तो सत्ता पक्ष के सदस्य भी सरकार को घेरने से बाज नहीं आते। सदस्य शिक्षकों की बुनियादी समस्याओं पर सदन के अंदर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हैं. इसी कड़ी में विधान परिषद सभापति ने शिक्षा समिति का गठन किय़ा है। यह समिति शिक्षा संबंधी बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर सभापति के समक्ष रखेगी, ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।

बिहार विधान परिषद में शिक्षा समिति का गठन किया गया है. इसमें अध्यक्ष समेत कुल 8 सदस्य होंगे. इस संबंध में विधान परिषद सचिवालय की तरफ से आज 17 सितंबर को अधिसूचना जारी कर दी गई है। सभापति की अनुशंसा के बाद यह समिति गठित की गई है।  जिसमें उपसभापति प्रोफेसर रामवचन राय को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि डॉ संजीव कुमार सिंह संयोजक होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधान पार्षद डॉ मदन मोहन झा सदस्य, नवल किशोर यादव सदस्य, प्रोफेसर वीरेंद्र नारायण यादव सदस्य, सर्वेश कुमार सदस्य, निवेदिता सिंह सदस्य और कुमार नागेंद्र को सदस्य बनाया गया है।  नवगठित शिक्षा समिति अपनी आंतरिक बैठक में शिक्षा से संबंधित विषय पर रिपोर्ट तैयार करेगी। साथ ही सभापति के आदेश पर आगे की कार्रवाई करेगी।

🖊️रिपोर्ट ;- संजीव समीर, ब्यूरो चीफ, शिक्षातक न्यूज़

शनिवार, 14 सितंबर 2024

सिवानः सरकारी आदेशों की अनदेखी, BEO श्रवण कुमार निलंबित।

सिवानः सरकारी आदेशों की अनदेखी, BEO श्रवण कुमार निलंबित ।
ACS एस0 सिद्धार्थ की जांच में अनियमितता का है मामला।
http://shikshatak-news.blogspot.com/2024/09/beo.html

सिवान। जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिवान द्वारा 12 सितंबर 2024 को किए गए स्कूल निरीक्षण में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय, माघर, सहायता प्राप्त मध्य विद्यालय, माघर, और उच्च विद्यालय, माघर का दौरा किया।


उत्क्रमित मध्य विद्यालय, माघर में 10 शिक्षक उपस्थित थे जबकि 4 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। हैरान कर देने वाली बात यह रही कि कक्षाएं खाली थीं और छात्र पेड़ के नीचे बैठे पाए गए। यहां तक कि कक्षाओं में ब्लैकबोर्ड ठीक से काला नहीं किया गया था और न ही चौक-डस्टर की व्यवस्था थी।

सहायता प्राप्त मध्य विद्यालय, माघर में प्रधानमंत्री पोषण योजना का सही संचालन नहीं हो रहा था। उच्च विद्यालय, माघर में मध्यांतर के बाद बच्चों की उपस्थिति बेहद कम थी जबकि उपस्थिति पंजी में ज्यादा बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। इसके अलावा साफ सफाइ की भी भारी कमी पाई गई।

इन लापरवाहियों के चलते, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO), भगवानपुर हॉट, सिवान, श्री श्रवण कुमार पर कार्रवाई की गई है। उन्हें स्कूलों की सही ढंग से निगरानी और अनुश्रवण नहीं करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 के तहत की गई है।

निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय जिला शिक्षा
पदाधिकारी, गोपालगंज निर्धारित किया गया है और उन्हें जीवन निर्वाहन भत्ता वहीं से दिया जाएगा। श्री कुमार के खिलाफ आगे की जांच के लिए प्रपत्र क जल्द गठन किया जाएगा।

बुधवार, 11 सितंबर 2024

शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर सामने आई बड़ी खबर।

PATNA - शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। जल्द ही सरकार इसपर बड़ा निर्णय लेने जा रही है।

ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
▪️ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर जिले के DM,DDC एवं DEO को मिलेगा बड़ा जिम्मा।
▪️सक्षमता पास शिक्षकों की होगी पोस्टिंग।
▪️ जिले से ही होगी अब शिक्षकों की पोस्टिंग।
▪️BPSC पास शिक्षकों का होगा तबादला।
▪️आवेदन के लिए मिलेगा 15 दिन का समय।
▪️पोस्टिंग और तबादला सब होगा एक साथ।
▪️ अक्टूबर से ट्रांसफर-पोस्टिंग होगी शुरू।

शिक्षा, शिक्षक एवं शिक्षा विभाग से जुड़ी ख़बरें सबसे पहले आप तक तो जुड़े रहे हमारे साथ।

छात्रों का नोटबुक तय करेगा शिक्षकों का भविष्य, अधूरा रहा तो जाएगी नौकरी! ACS एस सिद्धार्थ ने गुरूजी के काम के आकलन का निकाला खास तरीका, अब खैर नहीं

पटना. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद पर आते ही एस सिद्धार्थ ने राज्य के स्कूलों में पठन पाठन को दुरुस्त करने के लिए खास फॉर्मूला अपना लिया है. सिद्धार्थ ने इसके लिए छात्रो के नोटबुक को सबसे बड़े हथियार के रूप में अपनाने की तैयारी की है. यानी शिक्षक क्या पढ़ाते हैं इसका पूरा लेखा-जोखा छात्रों के नोटबुक से निकलेगा. सूत्रों का कहना है कि एस सिद्धार्थ ने बिहार के तमाम सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के पढ़ाने पर निगरानी का नायाब तरीका अपनाने का प्लान तय किया है. 
शिक्षक स्कूलों में रोजाना क्या पढ़ाते हैं. कितना टास्क देते हैं. बच्चे किन पाठों को पढ़े हैं. पढाई के कुल कितने घंटे हुए हैं इन तमाम चीजों का खुलासा बस छात्रों की कॉपी देखते ही कर लेंगे. सूत्रों के अनुसार एस सिद्धार्थ ने छात्रों की कॉपी चेक करने पर खास ध्यान देने कहा है. इसके अनुसार स्कूलों में जब निरिक्षण के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी जाएंगे तो वे सामान्य हाजिरी आदि चेक करने के अतिरिक्त एक और खास काम करेंगे. इसमें छात्रों की कॉपी चेक करना होगा. यानी किसी शिक्षक ने पिछले दिनों क्या पढ़ाया है इसका पूरा लेखा-जोखा छात्रों के कॉपी से पता चलेगा. 

माना जा रहा है कि इससे शिक्षको के कामकाज पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी. वे क्या पढ़ाते हैं और कितना पढ़ाते हैं उसका आकलन छत्रों की कॉपी देखकर कर सकेंगे. सिद्धार्थ के इस नायाब तरीके से स्कूलों में शिक्षकों द्वारा टाइम पास करने की शिकायतें भी दूर हो सकती हैं. साथ ही जो शिक्षक तय मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाएंगे उन पर विधि सम्मत कार्रवाई भी की जा सकती है. 


गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभालते ही एस. सिद्धार्थ लगातार अपने एक्शन से सबको आकर्षित किए हुए हैं. उन्होंने पिछले दिनों भोजपुर के बिहिया में एक स्कुल में छापेमारी करने के दौरान बच्चों को सड़क पर घूमते पकड़ा था. इसके पहले वे लोकल ट्रेन में सवार होकर पटना से बिहिया गए थे. वहीं शनिवार को स्कूल टाइमिंग के बाद एक रिक्शा पर सवार कुछ बच्चों को सिद्धार्थ ने देखा तो उन्हें भी रोककर सवाल किया. उनके इस एक्शन से हड़कंप भी मचा और एक सकारत्मक संदेश भी गया.

हमें के खिलाफ महिला शिक्षिका ने उठाई आवाज, तो मिली गालियाँ और प्रताड़ना!

सीतामढ़ी: मंहथ विजयानंद गिरी उच्च माध्यमिक विद्यालय, मानिक चौक में महिला शिक्षिका मीनाक्षी कुमारी ने वित्तीय अनियमितता का विरोध ...