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आज शिक्षक नेता जयंत सिंह ने बिहार जे शिक्षकों के संदर्भ में बहुत बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि- आज मेरे पास बहुत साथियों का फोन आ रहा है लगातार, पता नहीं क्यों आ रहा है? यह मैं नहीं बता सकता। परंतु इतना जरूर कहूंगा कि यदि संगठन की बात को मानकर हम लोग अपने मूल लड़ाई समान काम के समान वेतन पर अडिग रहते , सक्षमता का पूर्ण बहिष्कार करते तो सरकार की हालत बद से बदतर हो जाती परंतु शिक्षक नहीं माने!
उन्होंने आगे बताया- आज भी वक्त है ,अभी भी यदि एक स्वर में सारे शिक्षक यह बोल दें कि हम लोग सक्षमता का पूर्ण बहिष्कार करते हैं कोई ज्वाइन नहीं करेगा तो मैं वादा करता हूं की विधानसभा चुनाव से पहले सब कुछ हमारी जो मूल लड़ाई थी वह लेकर के रहेंगे शिक्षकों की अस्मिता कायम हो जाएगी!
अभी भी बिहार में70 हजार से ऊपर साथियों ने अपनी अस्मिता को बचाने के लिए सक्षमता का पूर्ण बहिष्कार किया मैं उन सभी क्रांतिकारी साथियों को चरण वंदन करता हूं और हमेशा करता रहूंगा !
सुबह का भूला हुआ शाम को जो साथी वापस लौट रहे हैं सक्षमता देने के उपरांत भी लगातार फोन आ रहा है मेरे पास उन सभी साथियों को भी संगठन के माध्यम से गले लगाने का काम करूंगा!
सरकार के द्वारा एक-एक करके आपस में तोड़ने और झगड़ा करवाने की नीति फिर से एक बार चलाई गई है ,हमारे जो छोटे भाई आज नियुक्त हुए हैं बीपीएससी के माध्यम से उन सभी को विद्यालय का प्रभारी बनने के नाम पर आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार उनका वोट लेने की पूरी साजिश कर रही है !
अभी वर्तमान में हमारे नवनियुक्त शिक्षक साथियों को अच्छा लग रहा होगा, लगना भी चाहिए क्योंकि उनको विद्यालय का प्रभारी जो बनाया जा रहा है!
परंतु मैं उन बीपीएससी शिक्षक साथियों से कहना चाहूंगा कि आप मेरी बात को अपने दिमाग में कहीं लिख लेंगे यह सरकार किसी की नहीं है जैसे ही विधानसभा चुनाव समाप्त होगा आपको भी दरकिनार करके नीतीश जी अगला शिकार खोजेगे! मैं 20 वर्षों से इस सरकार की एक-एक गतिविधि का आकलन कर रहा हूं!
अब सरकार के इस जाल में फंसकर शिक्षक आपस में लड़ना शुरू कर दिए और क्यों नहीं लड़ेंगे एक आदमी 20 वर्ष से काम कर रहा है और एक शिक्षक आज 9 महीने से काम कर रहा है !
9 महीने वाले को प्रभारी बना दिया जाए तो 20 वर्ष वाला तो लड़ेगा ही अब दोनों शिक्षक को सरकार लडवा कर वोट का मजा लेगी !
यह सब कोई जान रहा है कि मामला कोर्ट में जा चुका है नियमावली सर्वव्यापी है एक तरफ 10 वर्ष सेवा होने के बाद प्रधानाध्यापक में प्रोन्नति का नियम है और दूसरी तरफ सरकार के द्वारा 9 महीने में प्रधानाध्यापक बनाया जाना हंसी का पात्र बनकर रह जाएगा बहुत जल्द सब कुछ सामने आ जाएगा!
ऐसा नहीं कि मैं बीपीएससी शिक्षक भाई का विरोध कर रहा हूं बल्कि मैं हकीकत से अवगत करा रहा हूं ,यहां पर सिर्फ और सिर्फ आपस में लड़वाया जा रहा है!
अभी औरंगाबाद जिला में देखने में आ रहा है हाई स्कूल का एक नियोजित टीचर जिनका जब तक मन किया नियोजित टीचर का नौकरी किया ,इसके बाद अपने आप को नियोजित शिक्षकों का रहनुमा बताकर नियोजित शिक्षकों को ब्लैकमेल करके एमएलसी का चुनाव लड़ गए नियोजित शिक्षकों ने आगे बढ़कर अन्य प्रत्याशियों से मतभेद मनभेद करके उक्त शिक्षक प्रत्याशी को अपना वोट भी दिया परंतु यह महानुभाव चुनाव हार गये !
फिर इन्होंने अपना नया जगह तलाश किया और बीपीएससी शिक्षक बन गए, जब बीएससी शिक्षक के नियमावली में ही केके पाठक जी के द्वारा संगठन नहीं बनाने का घोषणा कर दिया गया है, फिर कैसे अपने आप को यह महानुभाव बीपीएससी का नेता बोल रहे हैं!
यह फिर से एक बार कहीं ना कहीं बीपीएससी शिक्षकों को भी नियोजित शिक्षकों की तरह ठगने का प्लान कर रहे हैं और प्रभार संबंधी जो पत्र निकाला है इस मामले में सोशल मीडिया पर खूब उछल रहे हैं!
अब मेरा इतना कहना आप सभी समझ गए होंगे कि वह कौन है!
खैर चलिए कोई बात नहीं है अभी भी सारे शिक्षक यदि जाग जाए तो विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की ईट से ईट बजा देंगे हम लोग सड़क पर का कोई मजदूर नहीं है 20 वर्षों से अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत बिहार की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किए हैं कोई चाहे की दूध की मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दें यह बर्दाश्त नहीं होगा!
इसी संदर्भ में कल 22 सितंबर को बिहार के सभी जिला में हम लोग बैठक रखे हुए हैं यदि हमारी बात अच्छी लगे तो आप सभी बैठक में निश्चित रूप से अपना बहुमूल्य समय निकालकर पहुंचे, हम अपने पूर्व के लेख में बता चुके हैं कि इस बार औरंगाबाद में जिला का जो बैठक है वह मां उमगेश्वरी की धरती मदनपुर प्रखंड में संपन्न होगा, जिसका समय 11:00 से निश्चित है, स्थान प्रखंड संसाधन केंद्र उक्त बैठक में जिले के तमाम शिक्षक सादर आमंत्रित है!
उपरोक्त बातें बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के प्रदेश महासचिव सह जिला अध्यक्ष औरंगाबाद, जयंत सिंह ने दी।
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