मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024

शिक्षकों की आस्था के साथ हो रहा खिलवाड़, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी छुट्टियों में हो रही कटौती- बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

PATNA : शिक्षकों की त्योहारों में छुट्टियों की कटौती कर शिक्षा-विभाग उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस आशय का पत्र लिखा है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि मुख्यमंत्री के बार-बार निर्देश देने के बावजूद शिक्षा-विभाग शिक्षकों की छुट्टियों में कटौती कर रहा है।

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों रक्षाबंधन और अन्य छुट्टियों में भी कटौती के संबंध में मुख्यमंत्री से मिलकर ध्यानाकृष्ट किया गया था और यह स्थायी आदेश दिया गया था कि वर्ष 2023 की अवकाश तालिका के मुताबिक विद्यालयों में छुट्टियां दी जाएं। इसके बावजूद इसका उल्लंघन हो रहा है।


शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया है कि यदि शिक्षा विभाग शिक्षकों की सेवा और सुविधा एक समान करना चाहता है और जिसमें छुट्टियां भी शामिल रहती है तो उन्हें राजपत्रित अवकाश के अतिरिक्त प्रतिबंधित छुट्टियों का भी लाभ दिया जाए और अर्जितावकाश 33 दिनों का दिया जाए। शिक्षा विभाग न तो शिक्षकों को न राज्यकर्मी का लाभ देना चाहता है और न शिक्षा सेवक ही मानना चाहता है। हर हाल में शिक्षकों का सम्मान, उनकी गरिमा को बरकरार रखनी होगी।

मुख्यमंत्री को शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया है कि विद्यालयों में कुल 60 दिनों की छुट्टियां होती हैं। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने अनावश्यक रूप से इसमें छेड़छाड़ कर दिया और यहां तक कि रविवार की साप्ताहिक छुट्टियों को भी गणना में शामिल कर अवैध आदेश दे दिया। वर्त्तमान अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने इसमें संशोधन का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक महान आस्था के पर्व के पवित्र मौके पर वर्ष 2023 की ही भांति छुट्टियां लागू करने का निर्देश नहीं दिया जा रहा है। इससे शिक्षक काफी तनाव में हैं और इससे पठन-पाठन पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है।

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को कहा है कि आपने बिहार राज्य के बाहर के भी शिक्षकों को नियुक्त किया है। एक दिन की छुट्टी में वे अपने-अपने घरों में दीपावली मनाने से वंचित रह जाएंगे। इसी तरह नहाय-खाय और खरना करने से भी वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा है कि यह सामाजिक सरोकार का अति संवेदनशील मामला है। शिक्षा विभाग का ऐसा आस्थाविहीन आदेश आपको भी पीड़ा पहुंचायेगा। मुख्यमंत्री से इसे तुरंत संज्ञान में लेने और यथोचित कार्रवाई करने की मांग की है।

सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

शिक्षा विभाग से जुड़ी बड़ी खबर || ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ी मिल सकती है खुशखबरी

3 या 5 प्रखंड को मिलाकर एक शैक्षणिक अनुमण्डल बनाये जाने की भी सुचना है, इस तरह प्रत्येक जिले में 4/5 शैक्षणिक अनुमण्डल बनेगा।


खबर ये भी है की दिवाली के पहले एक बार फिर से eshiksha कोष अपडेट होगा,और teacher कॉलोम में ही सबसे निचे teacher ट्रांसफॉर डिटेल्स का option आएगा।


सुचना ये भी है की दिसंबर के मध्य और जनवरी के प्रारम्भ तक ज़ब प्रचंड ठंडी होंगी और विद्यालय बंद होंगे उसी बिच में ट्रांसफॉर कर दिए जायेंगे




1 जनवरी के बाद आप ज़ब भी CL लेंगे, तब आपको बचा हुआ CL भी भी दिखेगा, डिडक्ट हो के, जैसे -16-1=15


 1 जनवरी से eshiksha कोष पूरी तरीके से अपडेट हो जायेगा, self attendance in में भी फोटो और out के समय भी फोटो लागु कर दिया जायेगा।

बुधवार, 9 अक्टूबर 2024

शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी की सच्चाई सामने आई सामने, महिला शिक्षिकाओं समेत पुरुष शिक्षकों में है रोष।

सक्षमता पास शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी की सच्चाई आई सामने, किसी भी शिक्षक व शिक्षिकाओं को नहीं मिलेगा 10 विद्यालय का ऑप्शन

शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी की सच्चाई सामने आने महिला शिक्षिकाओं, दिव्यांग शिक्षकों, आसाध्य रोग से ग्रस्त शिक्षकों सहित पुरुष शिक्षकों के पैरो तले से खिसक गईं जमीन, सरकार ने बड़ी चालाकी से तैयार की ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी।।

नियमित वेतनमान वाले शिक्षकों साक्षमता पास शिक्षकों व बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त शिक्षकों के राम स्थानांतरण के लिए जो पॉलिसी शिक्षा विभाग ने तैयार की है उसमें कई तरह की खामियां हैं।

शिक्षिकाओं के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी के द्वारा बिहार सरकार ने एक बार फिर शिक्षकों ठगने का काम क्या है क्योंकि इस ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी में ना तो किसी महिलाओं को फायदा हुआ और ना ही दिव्यांगजनों को और ना ही असाध्य रोग से ग्रस्त रोगियों को ही फायदा हुआ है बल्कि इससे और अधिक उन्हें नुकसान ही हो गया है।


पुरुष शिक्षकों के साथ तो सरकार ने सौतेला व्यवहार क्या है


शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी में कल तक बताया जा रहे थे कि 10 विद्यालय का विकल्प दिया जाएगा लेकिन नियमावली आते ही यह स्पष्ट कर दिया गया की 10 विद्यालय का विकल्प नहीं बल्कि 10 पंचायत या नगर निकाय या प्रखंड या अनुमंडल का ही विकल्प दिया जाएगा ऐसी स्थिति में महिला शिक्षिकाओं दिव्यांगजन शिक्षकों असद्रो से ग्रस्त शिक्षकों को पहले से ज्यादा दूरी तय करनी होगी अब उन्हें कम से कम 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर ही स्कूल आवंटित हो पाएगा

जबकि बात किया जाए पुरुष शिक्षकों को तो कृष्णा अनुमंडल में उनकी पोस्टिंग नहीं होगी बल्कि दूसरे अनुमंडल का विकल्प उनसे लिया जाएगा उनसे भी 10 विद्यालय का विकल्प नहीं लिया जाएगा बल्कि विद्यालय का विकल्प सरकार अपने से खुद से देगी ऐसी स्थिति में पुरुष शिक्षकों को भी लगभग 50 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी


पति पत्नी शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए भी सरकार ने इस नियमावली में कोई राहत नहीं दी है बल्कि इस नियमावली में पति की पोस्टिंग के आधार पर पत्नी शिक्षिका की पोस्टिंग करने की बात कही गई है जबकि पति को भी अनुमंडल छोड़ना होगा ऐसी स्थिति में पति-पत्नी दोनों को लगभग अपने घरों से 50 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी।

कुल मिलाकर कहा जाए तो शिक्षकों के इस ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी मैं ना तो किसी महिला को ना किसी दिव्यांग जनों को और ना ही किसी और साथ रूप से ग्रस्त शिक्षकों को और ना ही कोई पुरुष शिक्षकों को इससे फायदा है बल्कि इससे बहुत ज्यादा शिक्षकों को नुकसान ही होगा।

हमें के खिलाफ महिला शिक्षिका ने उठाई आवाज, तो मिली गालियाँ और प्रताड़ना!

सीतामढ़ी: मंहथ विजयानंद गिरी उच्च माध्यमिक विद्यालय, मानिक चौक में महिला शिक्षिका मीनाक्षी कुमारी ने वित्तीय अनियमितता का विरोध ...